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१९३३ –प्लेटे सिटी और देक्स्फील्ड पार्क

१८ जुलाई १९३३ को गिरोह प्लेटे सिटी के रेड क्राउन टूरिस्ट कोर्ट में रहने पहुंचा | ये गिरोह हमेशा अपनी तरफ ध्यान आकर्षित करने की कोशिश करता था | होटल के मालिक नील हौसेर ने ध्यान दिया की ब्लांशे बैरो ने तीन लोगों का नाम लिखाया था जबकि गाडी में पांच लोग थे | इसके इलावा ब्लांशे ने कमरों के लिए सिक्कों में भुगतान किया | अगले दिन होसेर ने देखा की महमानों ने अपने कमरों की खिडकियों पर अख़बार लगा रखे थे |हौसेर ने अपने होटल के नियमित रूप से महमान कप्तान विलियम बक्सटर को इस गिरोह की खबर दी |क्लाइड और जोंस जब दवाई की दुकान से पार्कर के पैर के लिए दवाइयां लेने पहुंचे तो दुकान के मालिक ने शेरिफ होल्ट कोफ्फे को इसकी खबर दे दी और उन्होनें दोनों कमरों पर नज़र रखनी शुरू कर दी | रात ११ बजे शेरिफ कोफ्फे ने एक गुट पुलिस अफसरों के साथ कमरों का घेराव कर लिया |

 

अँधेरे में हुई इस मुठभेड़ में क्लाइड की बन्दूक पुलिस की बंदूकों के सामने टिक नहीं पायी | बैरो ने बन्दूक रख दी और पुलिस को लगा की ये शांति  प्रस्ताव का इशारा है | इसके बाद बैरो गाड़ी में भाग गए लेकिन पुलिस ने उनकी गाडी का पीछा नहीं किया |हांलाकि गिरोह एक और बार बच गया था लेकिन बुक्क  बैरो को सर में गोली लगी थी और ब्लांशे अपनी दोनों आँखों में कांच के टुकड़े गिरने से करीबन दृष्टिहीन हो गयी |पांच दिन बाद बैरो गिरोह ने देक्स्फील्ड पार्क के पास डेरा जमाया | हांलाकि बुक्क कभी बेहोश और कभी होश में रहता था फिर भी उसकी सर की चोट इतनी गहरी थी की क्लाइड और जोंस ने उसके लिए एक कब्र खोद रखा था | स्थानीय नागरिकों की उन पर नज़र पड़ने के बाद पुलिस अफसरों को लगा की ये लोग बैरो गिरोह के सदस्य हैं | स्थानीय पुलिस अफसरों और निवासियों ने उनको घेर लिया और गोली बारी शुरू हो गयी | क्लाइड , पार्कर और जोंस वहां से भाग गए | बुक्क को पीठ में गोली लगी और वह और उसकी पत्नी गिरफ्तार कर लिए गए | पांच दिन बाद पैरी आयोवा के किंग्स डॉटर्स हस्पताल में बुक्क की सर के घाव और निमोनिया से मौत हो गयी |

 

.सितम्बर में वह डलास अपने परिवारों से मिलने पहुंचे और जोंस उनसे अलग हो अपनी माँ से मिलने हौस्टन पहुंचा जहाँ उसे १६ नवम्बर को गिरफ्तार कर लिया गया |  पूरे पतझड़ क्लाइड बैरो छोटी मोटी चोरियां करता रहा और उसका और पार्कर का परिवार पार्कर की सेहत का ध्यान रखते रहे |

२२ नवम्बर १९३३ को अपने परिवार से मिलने की कोशिश में वह फिर गिरफ्तार होने से  बचे| उनके शहर का शेर्रिफ स्मूट स्च्मिद अपने साथियों के साथ उनका इंतजार कर रहा था | जैसे ही बैरो वहां पहुंचा उसे खतरा लगा जिसपर स्च्मिद और उसके साथियों ने गोली चला दी | हांलाकि परिवार वालों को चोट नहीं लगी पर कार के बीच से एक गोली दोनों बैरो और पार्कर के पैरों में लग गयी |

इसके अगले हफ्ते २८ नवम्बर को डलास के न्यायलय ने  बैरो और पार्कर के खिलाफ तेरांत काउंटी के डिप्टी मल्कोल्म दाविस के क़त्ल के इलज़ाम में वारंट जारी कर दिया |