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बीजापुर का आदिल शाही साम्राज्य

आदिल शाह एक मुस्लमान साम्राज्य था जिसकी खोज युसूफ आदिल शाह ने की थी और जिन्होनें बीजापुर सल्तनत पर १४८९ से १६८६ तक राज किया था | बीजापुर बहमानी सल्तनत का हिस्सा था जो 15 सदी में विगठित हो गया था | बीजापुर सल्तनत को १२ सितम्बर १६८६ को औरंगजेब के हमले के बाद मुग़ल सल्तनत का हिस्सा बना लिया गया |


इस साम्राज्य के संस्थापक को इस राज्य का बहमनी राज्यपाल घोषित किया गया था | युसूफ और उनके बेटे इस्माइल आदिल खान के शीर्षक का कभी कभी इस्तेमाल करते थे | लेकिन युसूफ के पौते इब्राहीम आदिल शाह (१५३४ -१५५८ ) , के आने के बाद ही आदिल शाह का शीर्षक आम तौर पर इस्तेमाल होने लगा | बीजापुर ने अपने इतिहास में कई बार अपनी सीमाएं बदली | सल्तनत ने  दक्षिण की तरफ अपना फैलाव बनाया और बाद में मोहम्मद आदिल शाह (१६२७ -१६५७ ) के राज्य में अपनी सीमाएं को बैंगलोर तक पहुँचाया |


बीजापुर सदेव इस सल्तनत की राजधानी रही और इब्राहीम आदिल शाह I , अली आदिल शाह  , इब्राहीम आदिल शाह II ,आदिल शाह  और अली आदिल शाह II ने अपने शहर में नव निर्माण कर उसका पूरा रूप बदल दिया |बीजापुर बहमनी साम्राज्य के विगठन की वजह से उत्पन्न अस्थिरता से बीजापुर भी हमेशा घिरा रहा | विजयनगर साम्राज्य और डेक्कन सल्तनत से निरंतर लडाई के चलते राज्य की प्रगति पर काफी असर पड़ा | बीजापुर ने १६१९ में पड़ोस के बीदर सल्तनत पर कब्ज़ा कर लिया जिसके बाद थोड़ी स्थिरता आ गयी | शिवाजी जो आदिल शाह के सेनापती के बेटे थे उनके विद्रोह से राज्य पर असर पड़ा | बीजापुर की सुरक्षा को सबसे बड़ा खतरा था मुग़ल साम्राज्य से | मुग़ल अधिपतियों की निरंतर मांगों ने आदिल शाह से उनकी सम्पदा छीन ली और अंत में १६८६ में मुघलों ने बीजापुर पर कब्ज़ा कर लिया